औरैया सावन के महीने में हर तरफ हर-हर महादेव और बम-बम भोले की गूंज रही है। कांवड़िया हरिद्वार समेत अन्य जगहों से गंगा जल भगवान शिवशंकर के अभिषेक के लिए ला रहे हैं। प्रदेश की हर सड़कों पर कांवड़ियों की धूम है। ऐसे में एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताएंगे जो अपने आप में अद्भुत है। औरैया की दक्षिण दिशा में यमुना नदी किनारे एक मंदिर स्थित है। विश्व का यह पहला ऐसा शिव मंदिर है जिसे स्त्री के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का नाम देवकली मंदिर है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर का निर्माण कन्नौज के राजा जयचंद ने अपनी मुहंबोली बहन देवकला के नाम पर 11वीं शताब्दी में कराया था। इस शिवमंदिर में देवकला की आस्था को देखते हुए गांव का नाम भी देवकली रखा था। यह भी कहा जाता है कि ससुराल जाते समय देवकला रात को यहां विश्राम के लिए ठहरती थीं।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि उनके गुरु महाराज ने यह प्रमाणित किया है शिवलिंग पर जो जल चढ़ाया जाता है वो आज तक कोई पता नहीं लगा पाया कि जाता कहा है। सारा जल भू-भाग में कहीं समा जाता है। हर बार की तरह इस बार भी सावन में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। कुछ का ध्येय दर्शन तो कुछ ध्यान लगाकर यहीं बैठे रहने की इच्छा लेकर पहुंचते हैं। देवकली मंदिर में सावन के महीने में आस-पास के जनपद कानपुर, जालौन, झांसी, इटावा के अलावा कई अन्य प्रदेशों से अपनी मनोकामना लेकर आते है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा टीमों का गठन करते हुए श्रद्धालुओं को सुविधा एवं सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। सावन के दूसरे सोमवार पर सुबह 4 बजे से ही भक्तों का ताता लग गया था। वहीं पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था के भी देखे गए पुख्ता इंतेजामत।