कदौरा जालौन।
क्षेत्र की एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री से दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्म परिवर्तन जैसे संगीन आरोपों से जुड़ा मामला सामने आने के 6 दिन बाद भी पुलिस अब तक आरोपी रहीस अहमद को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इससे पुलिस की भूमिका को लेकर जनता के बीच कई सवाल खड़े हो रहे हैं। परिजनों और पीड़िता का कहना है कि ऐसे गभीर आरोपों के बाद भी आरोपी का खुलेआम घूमना, उनकी सुरक्षा पर गंभीर चिंता पैदा करता है।
पीड़िता ने हाल ही में भाजपा की महिला एमएलसी रमा निरंजन और जिलाध्यक्ष उर्विजा दीक्षित से मिलकर मदद की गुहार लगाई। उसने बताया कि उसे और उसके परिवार को लगातार समझौते की धमकियां मिल रही हैं और कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई है। पीड़िता का कहना है कि आरोपी पक्ष के लोग लगातार समझौते का दबाव बना रहे हैं, जबकि पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है।
इस मामले में रहीस अहमद पुत्र शहीद के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं 64, 115(2), 308(2), 351(3), 352 और उत्तर प्रदेश धर्मांतरण अधिनियम की धाराएं 3 व 5(3) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है।
बैक रिकॉर्ड्स के अनुसार, रहीस अहमद पर पहले भी एक अन्य आंगनबाड़ी महिला कार्यकत्री ने एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत आरोप लगाए थे। तब भी संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। इससे यह संदेह गहराता है कि कहीं पुलिस पर किसी प्रकार का प्रभाव तो नहीं है जो कार्रवाई को प्रभावित कर रहा है।
पीड़िता ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में महिला नेताओं एम एल सी रमा निरंजन व जिलाध्यक्ष उर्विजा दीक्षित से रोते हुए कहा कि अगर उसे कुछ हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उसने यह भी आरोप लगाया कि थाना पुलिस जानबूझकर मामले को कमजोर कर रही है। इस पर एमएलसी और जिलाध्यक्ष ने पीड़िता को जल्द न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
थाना प्रभारी प्रभात सिंह ने जानकारी दी है कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है, और आसपास के पुलिस थानों को भी अलर्ट किया गया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी को पकड़ा जाएगा।