राजस्व सहित अन्य मामलों से संबंधित प्रार्थना पत्रों का संबंधित अधिकारी द्वारा गंभीरता से न लेना उसकी कार्यशैली पर लगाता है प्रश्नचिन्ह।
मिशन समाधान दिवस के तहत आपसी समझौतों के कारण तहसील व पुलिस विभाग में आने वाली शिकायतों का गतवर्ष से कम हुए मामलों का बनाएं तुलनात्मक विवरण।
भूमि/ प्लाट की रजिस्ट्री में संबंधित द्वारा पैन नंबर, फोन नंबर, आधार नंबर अंकित न करने वालों /कराने वालों की, की जाए जांच।
विभागीय अधिकारी अवकाश स्वीकृति के उपरांत मुख्यालय छोड़ने की अनुमति/ जानकारी से करायें अवगत।
औरैया – न्याय पंचायत स्तर पर नामित नोडल अधिकारी अपनी – अपनी न्याय पंचायत में पहुंचकर खुली बैठक/चौपाल आयोजित कर शासन द्वारा संचालित योजनाओं/ परियोजनाओं के पात्र लाभार्थियों तथा योजनाओं से वंचित पात्रों की सूची तैयार कर नियमानुसार करते /कराते हुए अपात्रों को हटवायें तथा पात्रों को लाभान्वित कराएं तथा उससे संबंधित डिजिटल डायरी न्याय पंचायत वार तैयार करें जिससे कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रहने पाए।
जिलाधिकारी डॉ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने उपरोक्त निर्देश कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय कक्ष में जूम मीटिंग के दौरान दिए। उन्होंने राजस्व सहित अन्य मामलों से संबंधित प्रार्थना पत्रों की समीक्षा में संतुष्टि प्रतिशत कम पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बार-बार कहने के उपरांत भी तहसील व विकासखंड स्तर पर निस्तारित किए जाने वाले प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों द्वारा गंभीरता से न लेते हुए कार्यवाही न करने के कारण असंतुष्टि प्रतिशत बढ़ता है जो बहुत ही गलत है। उन्होंने संबंधितों को निर्देशित किया कि संबंधित अधिकारी निस्तारण के मामलों का गंभीरता से विधिवत संज्ञान लेकर निस्तारण की कार्यवाही सुनिश्चित करें न कि अधीनस्थों की आख्या/ कार्यवाही को ही सही मानकर हस्ताक्षरित करें ऐसी स्थिति पुनः आने पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी मानते हुए उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने निस्तारण आख्या निर्धारित प्रपत्र पर ही प्रेषित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों तथा थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि मिशन समाधान दिवस की अवधि एवं उससे पूर्व अवधि में राजस्व व आपसी झगड़ों के विवादों से संबंधित मामलों का तहसील व थानावार तुलनात्मक विवरण तैयार कर उपलब्ध कराएं। जिससे राजस्व /भूमि संबंधी विवादों के कारण थानों व तहसील में दायर होने वाले वादों (मुकदमों) में कितनी कमी आयी है और आमजन को कितना लाभ मिला है। समीक्षा के दौरान प्लाट/ भूूमि के मामलों की रजिस्ट्री में यह देखने में आया है कि क्रेता द्वारा अपनी पहचान छुपाने के लिए प्रपत्र में आधार नंबर, मोबाइल नंबर, पैन नंबर, आदि का अंकन नहीं किया जाता है जो आपत्तिजनक है। उन्होंने ए.आई.जी.स्टाम्प को निर्देशित किया कि ऐसे मामलों की जांच की जाए तथा ऐसा करने व कराने वालों को चिन्हित कर अवगत करायें जिससे उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा सके।
श्री त्रिपाठी ने समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वह अवकाश स्वीकृति के उपरांत मुख्यालय छोड़ने की अनुमति /सूचना से अवगत करायें अन्यथा की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी अवकाश स्वीकृति के उपरांत मुख्यालय छोड़ देते हैं जिससे समय-समय पर शासन से प्राप्त दिशा निर्देशों/ योजनाओं आदि के क्रियान्वयन में ससमय कार्यवाही नहीं हो पाती है यह बहुत ही आपत्तिजनक है इसलिए विभागीय अधिकारी मुख्यालय छोड़ने की स्वीकृति/ अनुमति प्राप्त कर अवगत कराना भी सुनिश्चित करें जिससे किसी भी कार्य में कोई व्यवधान/ विलम्ब न होने पाए।