फफूंद,औरैया ब्लाक भाग्यनगर क्षेत्र में गोआश्रय स्थल संचालित है इसके वावजूद सड़को पर गोवंश छुट्टा घूम रहे है जिला प्रशासन ने गौवंशो को पकड़ने का अभियान चला कर अस्थाई गौआश्रय स्थल में छोड़ा गया था उस समय सड़कों पर जानवर नजर नही आ रहे थे।कुछ समय लोगो ने राहत की सांस ली थी लेकिन अब फिर से अचानक आवारा गौवंश कहा से आ रहे है। जो सड़को पर विचरण कर रहे हैं। इनमें छोटे व कमजोर गोवंशों की संख्या अधिक है। बाजारों में छुट्टा घूम-घूम कर दुकानों में मुंह मार रहे है कभी कभी उनका भारी नुक़सान कर देते है। क्षेत्र में इन आवारा गौवशो के कारण किसान फसल की रखवाली कर रहे है।
पशुपालक गाय को तब तक रखते है जब तक दूध देती रहती है उसके बाद लठ्याकर भगा देते हैं। जो आवारा गौवंशो का दर्जा बन जाते है।इसी कारण नगर के सड़कों पर गौवंश नजर आ रहे है इसमें कुछ गौवंश ऐसे है जो सुबह से शाम तक कस्बे की सड़को पर लोगों का नुक़सान करती नजर आती है और शाम होते ही अपने मालिक के पास आ जाती है। यह अनकी दिनचर्या बन गई है। कुछ पशुपालक दूध खाने के बाद छोड़ देते है। ऐसे गौवंश जिला प्रशासन के लिए समस्या बने हुए है। और इसका कारण पशु पालको द्वारा जानवर छोड़ना है। जब तक पशुपालको पर कार्यवाही नही होगी तब तक सड़को पर आवारा जानवरो की फौज नजर आती रहेगी इसके लिए पशुपालक भी जिम्मेदार है।
नगर पंचायत इन लोगों पर चिह्नित करके कार्यवाही सुनिश्चित करें जिससे भविष्य में पशुपालक अपने गौवंश सड़को पर न छोड़ सकें।ब्लाक क्षेत्र की न्यामतपुर, तर्रई फफूंद की गौआश्रय स्थल में गौवंशो की संख्या अधिक है क्योंकि कुछ माह पहले गौवंशो को पकड़ने का अभियान चलाया गया था जिसमें आवारा जानवरो को पकड़कर गौआश्रय स्थल छोड़ा गया था और जिलाधिकारी डॉ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने ग्राम पंचायतो में समय समय पर जाकर संचालित अस्थाई गौआश्रय स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया था और गोवंशों को दिए जाने वाले भूसा, हरा चारा, दाना व पानी की गुणवत्ता को परखा था जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान ग्राम प्रधान से भी कहा था कि गोवंशों के लिए छाया की व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए वृक्षारोपण कराएं जिससे आगामी समय में गोवंशों को पर्याप्त छाया मिल सके अस्थाई गौआश्रय स्थल में गौवंशो की संख्या अधिक है अगर ऐसा ही चलता रहा तो गौशाला मे वेमिसाल गौवंशो की संख्या अधिक होगी।