Wednesday, October 15, 2025
spot_img
HomeLatest Newsशिक्षा के जननायक स्व. सुरेन्द्र नाथ तिवारी की पुण्यतिथि पर उमड़ा स्नेह...

शिक्षा के जननायक स्व. सुरेन्द्र नाथ तिवारी की पुण्यतिथि पर उमड़ा स्नेह और श्रद्धा का सैलाब !

सलेमपुर(देवरिया)। शिक्षा के दीपस्तंभ और सेंट जेवियर्स एजुकेशन सोसाइटी के संस्थापक सचिव एवं सेंट जेवियर्स स्कूल सलेमपुर/बलिया के संस्थापक प्रबंधक स्व. सुरेन्द्र नाथ तिवारी की चौदहवीं पुण्यतिथि गुरुवार को विद्यालय प्रांगण में गहन श्रद्धा और भावुकता के साथ मनाई गई। सुबह से ही विद्यालय का वातावरण स्मृतियों और कृतज्ञता से भरा हुआ था। हर चेहरा उस महान शख्सियत की यादों में डूबा दिखा, जिसने शिक्षा को समाज का सबसे मजबूत आधार बनाया।

इस 14वीं श्रद्धांजलि समारोह का शुभारंभ विद्यालय के प्रबंध निदेशक अभिनव नाथ तिवारी और प्रधानाचार्य वी.के. शुक्ला ने स्व. तिवारी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर किया। इस अवसर पर पूरे परिसर में मौन ध्वनि गूंज उठी और सभी ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें नमन किया। मौन की उस घड़ी में केवल श्रद्धा और कृतज्ञता ही प्रवाहित हो रही थी।

इसके बाद विद्यालय परिवार, शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं और नगर के गणमान्य नागरिक एक-एक कर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करने पहुंचे। इस दौरान सेंट पाल स्कूल के प्रबंधक विनोद मिश्रा, जीएम एकाडमी के प्रिंसिपल मोहन द्विवेदी समेत नगर क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित कर शिक्षा पुरुष को याद किया। विद्यालय के शिक्षकों सहित स्टाफ ने भी पुष्प अर्पित किए और संकल्प लिया कि वे उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारेंगे।

इस श्रद्धांजलि समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए लोगों ने कहा कि स्व. सुरेन्द्र नाथ तिवारी केवल एक शिक्षा प्रशासक नहीं बल्कि एक दूरदर्शी व्यक्तित्व थे। उन्होंने शिक्षा की उस नींव को रखा जो आज समाज को आलोकित कर रही है। उनकी सोच थी कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित न होकर जीवन मूल्यों और संस्कारों से जुड़ी हो।

प्रधानाचार्य वी.के. शुक्ला ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि विद्यालय के संस्थापक “स्व. तिवारी जी का व्यक्तित्व विद्यालय के हर कोने में आज भी जीवित है। उनके विचार ही इस संस्थान की असली पूंजी हैं। उनका योगदान शिक्षा के हर आयाम में मार्गदर्शन करता है। वे हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।”

सेंट जेवियर्स प्रबंध निदेशक अभिनव नाथ तिवारी ने भावुक स्वर में कहा कि “मेरे संस्थापक जी का सपना था कि यह विद्यालय शिक्षा का दीप बनकर पूरे क्षेत्र को रोशन करे। आज हर बच्चे की सफलता उसी सपने की सच्ची परछाई है। मैं यह प्रण करता हूँ कि उनकी इस धरोहर को और भी ऊँचाइयों तक पहुँचाऊँगा।”

इस अवसर पर छात्रो ने कविताओं के माध्यम से संस्थापक प्रबंधक को अपनी श्रद्धांजलि दी। हर स्वर में भावनाओं का समुद्र उमड़ पड़ा और हर पंक्ति में उनके प्रति कृतज्ञता झलक रही थी।

पूरे कार्यक्रम में एक ही भावना हावी रही—स्व. तिवारी जी शिक्षा के जननायक थे। उनके जीवन दर्शन और योगदान को याद करते हुए सभी ने यह संकल्प लिया कि उनकी छोड़ी गई विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाया जाएगा।कार्यक्रम के अंत में पूरा वातावरण एक ही स्वर से गूंज उठा “शिक्षा जगत के योगपुरुष स्व. सुरेन्द्र नाथ तिवारी अमर रहें।”

30 नवंबर 1959 को जन्मे स्व. तिवारी ने 28 अगस्त 2011 को इस धरती को अलविदा कहा था, लेकिन उनकी सोच और शिक्षा का प्रकाश आज भी उतना ही जीवंत है जितना उनके जीवनकाल में था।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments