(पीलीभीत) योगी सरकार जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करने के लिए बचनबद्ध है लेकिन जिम्मेदार है कि सरकार की मंशानुरूप कार्य करने को तैयार नहीं है सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर हर गांव में कूड़ा कचरा उठाने के लिए ठेली दी है और कूड़ा डालने के लिए कूड़ा घर बनबाये है जिसको तैयार करने के लिए लगभग तीन लाख से चार लाख तक के खर्च को सरकार ने ग्राम प्रधान को उपलब्ध करायें लेकिन क्या वास्तव में गांव का कूड़ा इन कूड़ा घरों में डाला जा रहा यह जरूरी सवाल है दूसरा सवाल यह है कि क्या कूड़ा घर तक सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई ठेली पहुंच सकतीं हैं आप को बता दें बहुत से गांव में कूड़ा घर ऐसी जगह पर बनाए गए हैं
जहां पर खाली आदमी नहीं पहुंच सकता तो फिर ठेली की बात ही छोड़ दीजिए ऐसे कूड़ा घर बनाने वाले ग्राम प्रधानों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जानी चाहिए क्योंकि यह कूड़ा घर सिर्फ सरकार के पैसे को ठिकाने लगाने के लिए बनाया गया है हम बात कर रहे हैं तहसील अमरिया के गांव चका गांव का जहां के ग्राम प्रधान ने कूड़ा घर ऐसी जगह बनाया है जहां पर आदमी खाली नहीं जा सकता ठेली ले जाने की बात ही खत्म हैबाकी सरकार की नीति जाये भाड़ में किसी ग्राम प्रधान को कोई मतलब नहीं अब देखना यह है कि सरकार ऐसे ग्राम प्रधानों पर कब कार्यवाही करती है यह भविष्य तय करेगा