उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार तथा मा0जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के तत्वावधान में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देवरिया मनोज कुमार तिवारी के द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में नियुक्त 10 पराविधिक स्वंय सेवकों (पीएलवी) को दीवानी न्यायालय के ए0डी0आर0 भवन में प्रशिक्षण दिया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव ने राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत एवं मौलिक अधिकार को बताते हुये कहा कि नए पीएलवी प्रशिक्षण में मिली जानकारी से जरूरतमंदों को लाभ दें। उनका काम ही जरूरतमंदों की निःशुल्क सहायता करना है। उन्होने कहा कि जानकारी के अभाव में कई लोग कानून का लाभ नहीं ले पाते हैं। सरकार और न्यायपालिका ने कई ऐसे कानून बनाए हैं, जिनका लाभ समाज के पीड़ित वर्ग को मिलना चाहिए। पीएलवी की जिम्मेदारी है कि समाज में पीड़ित और जरूरतमंदों को कानून का लाभ दिलाएं और उनके लिए पहल भी करें।
प्रशिक्षण के दौरान डिप्टी लीगल एड डिफेन्स कांउसिल ओम प्रकाश तिवारी ने सविधान के प्रस्तावना व मौलिक अधिकार का वर्णन करते हुये कहा कि लोगों को भरोसा रहता है कि पीएलवी उनके और न्यायपालिका के बीच एक मजबूत कड़ी हैं। पीएलवी के माध्यम से कई पीड़ितों को समय से न्याय भी मिल जाता है। ऐसे में जरूरी है कि पी0एल0वी0 अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाएं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के मध्यस्थ एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द कुमार पाण्डेय द्वारा मौलिक अधिकारों के बारें में पराविधिक स्वंय सेवकों (पीएलवी) को बताया गया। उन्होने कहा कि पीएलवी को कार्य शुरू करने से पहले प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के माध्यम से उनको कानून और कानून का जरूरतमंदों को लाभ दिलाने की जानकारी दी जाती है। ऐसे में यह जरूरी है कि पी0एल0वी0 अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाए। प्रशिक्षण के दौरान पूर्व में नियुक्त पी0एल0वी0 तेज प्रताप यादव, शैलेन्द्र यादव एवं सूर्य प्रताप सिंह द्वारा अपने अनुभवों को साक्षा किया गया।
इस अवसर पर सुशील कुमार चौहान, मनोज कुमार सिंह, विशाल कुमार गुप्ता, अभिनय कुमार, रितेश कुमार शुक्ला, मृत्युन्जय नारायण पाण्डेय, निकेश कुमार पाण्डेय, देवव्रत पाण्डेय, यशवन्त यादव, रीना देवी इत्यादि पराविधिक स्वंय सेवकों (पीएलवी) उपस्थित रहे