संतकबीरनगर।
सावन माह के पहले सोमवार को जनपद के प्राचीन और ऐतिहासिक शिवधाम बाबा तामेश्वर नाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। महाभारत काल से जुड़ी आस्था के केंद्र इस पवित्र स्थल पर हजारों की संख्या में भक्तों ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर जलाभिषेक किया। श्रद्धा, भक्ति और शिव प्रेम में डूबा यह नज़ारा हर किसी को अभिभूत कर देने वाला था।
सुबह भोर से ही अयोध्या और बिडहर घाट स्थित सरयू नदी से जल भरकर कांवड़ लेकर श्रद्धालु तामेश्वर नाथ धाम पहुंचे। ‘बोल बम’, ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के गगनभेदी नारों से वातावरण शिवमय हो गया।
महाभारत काल से जुड़ी मान्यता
ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र शिवलिंग की स्थापना माता कुंती ने अज्ञातवास के समय की थी। तभी से यह स्थान श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से भोलेनाथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
पूजा-अर्चना और व्यवस्था
श्रद्धालु भक्तों ने शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध, धतूरा और भस्म अर्पित कर विशेष पूजन किया। सावन के पहले सोमवार को भक्तों की संख्या अत्यधिक होने के बावजूद प्रशासन और मंदिर समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई थीं। सुरक्षा बल, स्वच्छता टीम और मेडिकल सहायता दल हर जगह तैनात रहे।
श्रद्धालुओं की भावनाएं
अयोध्या से आए एक श्रद्धालु ने बताया— “हर साल सावन में बाबा तामेश्वर नाथ के दर्शन के लिए आते हैं। यहां की आस्था, ऊर्जा और शिवभक्ति अद्भुत है। मन को सुकून और आत्मा को शांति मिलती है।” वहीं स्थानीय श्रद्धालु कुसुम तिवारी ने कहा— “बचपन से माता-पिता के साथ आती रही हूं।