औरैया सावन का पहला सोमवार आज है। भौर होते ही जलाभिषेक के लिए शिवभक्तों का सैलाब उमड़ेगा। साफ-सफाई से लेकर शिवालयों को भव्य रूप में सजाया गया है।जलाभिषेक करने आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसके लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी की गई है। शिवालयों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम रहेंगे। सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षा पर नजर रखी जाएगी। सिविल वर्दी में पुलिसकर्मी सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे। भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय सावन का महीना है। सावन का महीना शिव भक्तों के लिए भी सबसे खास महीना होता है। .हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना पूरी होती है। सावन के महीने में ही कांवड़ यात्रा निकाली जाती है। कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त गंगा नदी से पवित्र जल भरते हैं और लंबी यात्रा करके भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। 11 जुलाई से सावन कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई यानी आज है। शिवालयों की साफ-सफाई से लेकर भव्य सजावट की गई है।
बीहड़ में स्थित देवकली मंदिर पर काफी संख्या में शिव भक्त जलाभिषेक करेंगे। यहां पर आसपास के जिलों से शिव भक्त भी आकर यहां पूजा-अर्चना व जलाभिषेक करेंगे, और आज जलाभिषेक के लिए शिवभक्तों का सैलाब उमड़ेगा। क्षेत्र के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में भी जलाभिषेक के लिए शिवभक्तों का तांता लगा रहेगा। ऐसे करें पहले सोमवार पर व्रत के उपाय भागवताचार्य केशवम अवस्थी के अनुसार सावन के पहले सोमवार में व्रत रखने के लिए सुबह स्नान करके मंदिर जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इस दौरान भगवान शिव को बेलपत्र धतूरा, भांग, चंदन, पुष्प आदि समर्पित करें। इसके बाद घर में जाकर भगवान शिव व मां पार्वती की विधि विधान से पूजा करें। पूजा करने के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश की आरती करें। उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। इसके बाद भगवान शिव को रोली, अक्षत, पुष्प, धूप व दीपक अर्पित करें।