जनपद में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के नाम पर करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है। जांच में खुलासा हुआ है कि जिले की 46 शैक्षिक संस्थाओं ने फर्जी दस्तावेज़ों और फर्जी छात्रों के माध्यम से स्कॉलरशिप की धनराशि हड़प ली। इस घोटाले की कुल रकम 3 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। मामले के प्रकाश में आने के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है।
घोटाले में 98 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें कई संस्थाओं के प्रबंधक, कर्मचारी और बिचौलिए शामिल हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा की गई शिकायत पर संबंधित थानों में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि कई छात्रों के नाम पर फर्जीवाड़ा करके लाखों की धनराशि निकाल ली गई, जबकि वास्तविक छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल सका।
डीएम संतकबीरनगर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT जांच की सिफारिश की है। साथ ही जिन संस्थाओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, उनकी मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आगे की जांच की जा रही है और बहुत जल्द अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं।
प्रशासन सख्त, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
इस पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि “छात्रवृत्ति जैसी सामाजिक योजना में भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों को जेल भेजा जाएगा और रिकवरी की कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी।”