व्यापार व व्यापारी हित मे व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश का पत्र जनसेवक मंटू बाबू जायसवालप्रदेश अध्यक्षव्यापार मंडल उत्तर प्रदेश
सेवा मे,
आदरणीय प्रधानमंत्री जी भारत सरकार एवं आदरणीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश सरकार
विषय- उत्तर प्रदेश के सभी महानगर पालिकाओ/ नगर पालिकाओ/ नगर पंचायतो/ आदि के द्वारा प्रतिदिन बेचारे फुटपाथ-पटरी के दुकानदारो का उत्पीड़न किया जा रहा है , उन्हे हटाया जा रहा है , उनकी जीविका के संसाधनो पर जे0 सी0 बी0 और बुलडोजर चलाया जा रहा है के विषय पर–
आदरणीय महोदय,
उत्तर प्रदेश के सभी महापालिका, नगर पालिका, नगर पंचायत, आदि मे आये दिन अतिक्रमण के नाम पर छोटे छोटे दुकानदारो फुटपाथ/ पटरी के दुकानदारो का उत्पीड़न हो रहा है , उनकी जीविका के संसाधनो पर बुलडोजर चलाया जाता है, उनको हटा दिया जाता है, उनको व्यवसाय स्थल से भगा दिया जाता है,महोदय उनकी जीविका कैसे चलेगी, उनके बच्चो की परवरिश कैसे होगी,।
व्यापार क्षेत्र के सभी छोटे बड़े बाजारो की रौनक होते है ये छोटे छोटे व्यापारी , व्यापार तो उसी तरह से चौपट हो गया है जो कुछ भी नाम मात्र का थोड़ा सा बचा भी है तो इनको हटाकर वह भी खत्म किया जा रहा है ।
महोदय, व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश अतिक्रमण का पक्षधर या समर्थक नही है लेकिन इन छोटे छोटे दुकानदारो की रोजी रोटी के लिए बाजार के अन्दर ही जगह की व्यवस्था होनी चाहिए या इन्हे वही पर सुव्यवस्थित करना चाहिए ।
महोदय, भारत सरकार ने और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इनके रोजी रोटी की व्यवस्था हेतू कानून भी बनाया है । जिसका नाम है ( पथ विक्रेता जीविका संरक्षण अधिनियम विनियमन 2017 ) वह किस लिए बनाया गया है।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी बार बार कहते है की किसी भी गरीब को हटाया नही जायेगा – किसी भी फुटपाथ-पटरी के दुकानदार को हटाया नही जायेगा और अगर हटाना बहुत जरूरी होगा तो सबसे पहले बाजार मे ही उनको व्यस्थित तरीके से स्थापित करने के बाद ही उन छोटे छोटे व्यापारीयो को वहाँ से हटाया जायेगा ।
लेकिन उक्त कानूनो और माननीय मुख्यमंत्री जी के आदेशो के विपरित छोटे छोटे दुकानदारो फुटपाथ/ पटरी के दुकानदारो का उत्पीड़न चरम पर है
व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश आपसे निम्नलिखित आग्रह करता है ।।
1- व्यापार व व्यापारी हित मे – उक्त कानूनो एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशनुसार नगर निकायो मे पहले से ही पंजीकृत फुटपाथ-पटरी के दुकानदारो को उनके रोजी रोटी के लिए पहले जगह देकर स्थापित किया जाय उसके बाद ही हटाया जाय।
2- नगर निकायो के खाली भूमि एवं खाली सरकारी भूमि पर उनको पक्का दुकान बनाकर न्युनतम लागत मूल्य पर दिया जाय जिससे की बाजार की रौनक भी बनी रहे और यातायात व्यवस्था भी सुचारू रूप से चलता रहे
3- खाली पड़े सरकारी भूमि पर बृहद सुविधा युक्त बाजार बनाया जाय । और वरियता के आधार पर फुटपाथ/ पटरी के दुकानदारो को दिया जाय।
4- जबतक नगर निकाये उक्त कानूनो के अन्तर्गत एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशनुसार फुटपाथ- पटरी के दुकानदारो की रोजी रोटी के लिए जगह की व्यवस्था नही करती है तब तक उन्हे हटाया न जाय बल्कि उसी स्थान पर सुव्यवस्थित कर दिया जाय । साथ ही नगर निकायो की खाली पड़ी नाले/ नालियो पर भी स्लैब डालकर उनको अस्थायी रूप से व्यवस्थित किया जा सकता है ।
5- महोदय, पुरे उत्तर प्रदेश मे लगभग 25 से 30 लाख फुटपाथ- पटरी के दुकानदार है और प्रत्येक के परिवार मे लगभग 5-8 तक आश्रित परिजन है इस हिसाब से प्रदेश की एक बहुत बड़ी आबादी इन नगर निकायो के वजह प्रभावित है। इनको अगर सुव्यवस्थित तरीके से स्थापित किया जायेगा तो- नगर निकायो के माध्यम से इनसे न्युनतम शुल्क भी लिया जा सकता है जिससे की सरकार के आय मे बृद्धि भी होगी । और फुटपाथ- पटरी के दुकानदारो की जीविका भी चल जायेगी ।
आदरणीय माननीय जी से विनम्र आग्रह है की इस विषय पर एक बार सोचकर अपना निर्णय लिजिए और उत्तर प्रदेश की एक बहुत बड़ी आबादी के साथ न्याय किजिए ।।