जुलूस में भाटपार रानी थाने के प्रभारी देवेंद्र कुमार सिंह मय फोर्स मौजूद रहे
देवरिया,भाटपार रानी मातमी जुलूस के साथ या हुसैन या हुसैन के नारो के साथ नवी और दसवीं को निकाले गये जुलूसे हुसैनी इस जुलूस में हिंदू और मुस्लिम की आपसी भाईचारगी देखने को मिला जो एक मिसाल कायम किया वही जुलूस में ताजियादारो द्वारा रंग बिरंग के कई डिजाइनो के बनाए गए ताजिया देखने को मिला वही भाटपार रानी के वार्ड नंबर 7 चिकटोली जो आंकड़ा नंबर एक से प्रसिद्ध है. उन लोगों द्वारा एक बेमिसाल चिन्ह का आकर देकर ताजिया का निर्माण किया गया था जो सारे लोग के दिलों को छू जाता वही आंकड़ा नंबर(1) चिकटोली के खिलाड़ियों द्वारा शानदार तरीके से या हुसैन या हुसैन के नारों के साथ कर्बला हम जाएंगे के नारे साथ अपने खेलों को प्रस्तुत करते हुए धीरे-धीरे ताजिया लेकर आर्य चौक, होते हुए दुर्गा मंदिर, स्टेशन रोड बेलपार चौराहा, होते हुए कर्बला के मैदान ए मेहस्र के लिए निकल पड़े जहां कर्बला मेहस्र मे सैकड़ो ताजियादारो द्वारा अपने-अपने ताजिया और खिलाड़ियों के साथ पहुंच कर अपनी अपनी खेलों का प्रदर्शन कर रहे थे जैसे सोहनपार, दुबौली, मेहरौना, स्टेशन रोड, लिटीहा, बिशनपुरा, जसुई, इत्यादि गांवों के ताजिया देखने को मिला और वही खिलाड़ी अपने खेलों का प्रदर्शन करते हुय दिखे वही मोहर्रम के जुलूस को देखते हुए भाटपार रानी थाने के प्रभारी देवेंद्र कुमार सिंह मय फोर्स जुलूस के साथ मौजूद रहे की जुलूस में किसी प्रकार की दिक्कत न हो वही ताजिया देखने के लिए और खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखने के लिए कर्बला के मैदान में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे वक्त होने पर ताजियादारो द्वारा और तमाम पहुंचे लोगों द्वारा इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला का वह मंजर याद करते हुए कुरानेपाक की आयतें पढ़ने और दुआये मांगते वक्त गुजारने के बाद शहीदे इमाम हुसैन के यादों को अपने-अपने सीने में लेकर अपनी जुबान पर इस्लाम के चिराग मे फुले हुसैन है ता हश्र ये चिराग रहेगा जला हुआ हक मौला या हुसैन हक मौला या हुसैन कहते हुए अपने-अपने घर को तस्वीर ले आये.