बहराइच जिले के विशेश्वरगंज ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा बहराइच । जिले के विशेश्वरगंज ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा पटना में सचिव और ग्राम प्रधान द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं घोटाले को अंजाम दिया गया। जब इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई तो ग्राम सभा पटना के ही रहने वाले देवी प्रसाद त्रिपाठी, निवासी ग्राम पटना, पो० लक्खारामपुर, थाना विशेश्वरगंज, तहसील-पयागपुर, जनपद-बहराइच द्वारा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया तो अधोहस्ताक्षरी ने अपने कार्यालय आदेश सं० 3101/7-पं०/शि०लि०/शि०-जांच/2024-25 दिनांक 07.01.2025 द्वारा जिला द्विव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, बहराइच तथा सहायक अभियन्ता, उ०प्र०लघु उद्योग निगम लि०, बहराइच को जांच अधिकारी नामित किया गया था। उक्त आदेश के अनुपालन में जांच अधिकारियों द्वारा अपनी संयुक्त जांच आख्या कार्यालय पत्रांक 1336/शि०जांच/जिला मजि० समि०/2024-25 दिनांक 10 फरवरी, 2025 एवं पत्रांक 1340/ शि०जांच/जिला मजि० समि०/2024-25 दिनांक 20 फरवरी, 2025 द्वारा प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुत किए गए जांच आख्या के अनुसार 2021-22 से 2024-25 तक 15 हैण्डपम्प रिबोर के सापेक्ष 05 हैण्डपम्पों का रिबोर होना नही पाया गया तथा 135 ह्यूम पाइप क्रय के सापेक्ष 25 ह्यूम पाइप जांच में कम पाये गये। इस प्रकार ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा हैण्डपम्प रिबोर कार्य में रू0 1,00,150.00 एवं हयूम पाइप में रू0 87,638.00 अपव्यय तथा पूर्व में प्रेषित जांच आख्या सं० 59 दिनांक 16.04.2025 के क्रमांक-01 -प्रधानमंत्री रोड से अभय नारायन के घर तक नाली निर्माण कार्य पर रू0 5,771.81, क्रमांक-05 – रामराज पासी के घर से विद्याराम एवं बाबूराम के घर तक खड़न्जा मरम्मत का कार्य पर रू० 6,266.00 तथा क्रमांक-06 -ढोढे के घर से महराजदीन एवं जगदम्बा के घर तक खडन्जा मरम्मत का कार्य पर 16,301.00 का अनियमित भुगतान किया गया है। इस प्रकार कुल मु० 2,16,116.81 रू० का अपव्यय पाया गया। अतः ग्राम पंचायत-पटना, विकास खण्ड-विशेश्वरगंज में कराये गये उपरोक्त कार्यों में मु० 2.16,116.81 रू० का अपव्यय आपके कार्यकाल में हुआ है, जिसमें से नियमानुसार अपव्यय की गयी आधी धनराशि मु० ₹1,08,058.41 के लिए आप उत्तरदायी है। उक्त के सम्बन्ध में पंचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 95 (1) छः के बिन्दु (v) में उल्लेख किया गया है कि” प्रतिबन्ध यह है कि जहाँ कोई प्रधान या उप प्रधान ऐसे व्यक्ति द्वारा और ऐसी रीति से, जैसी विहित की जाये, की गयी किसी जांच में प्रथम दृष्टया वित्तीय और अन्य अनिमितताओं का दोषी पाया जाये वहाँ ऐसा प्रधान या उप प्रधान वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का सम्पादन नहीं करेगा और जब तक कि वह अन्तिम जांच में आरोपों से मुक्त न हो जाये , ऐसी शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का सम्पादन राज्य सरकार द्वारा इस निमित नियुक्त ग्राम पंचायत के तीन सदस्यों की एक समिति द्वारा किया जायेगा।”
धारा 95 (1) छह के प्रस्तर (i) में उल्लेख किया गया है कि “खण्ड (च) या खण्ड (छ) के अधीन कोई कार्यवाही सम्बद्ध निकाय अथवा व्यक्ति को, प्रस्तावित कार्यवाही के विरुद्ध कारण दर्शित करने का उचित अवसर देने के पश्चात् ही की जायेगी, अन्यथा नही.”उपरोक्त नियम का संज्ञान लेते हुए आपको उपरोक्त अपव्यय की गयी धनराशि के सापेक्ष कारण बताओ नोटिस प्रदान करते हुए निर्देशित किया जाता है कि एक पक्ष के भीतर अपना स्पष्टीकरण साक्ष्यों सहित अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करना सुनिश्चित करें। अन्यथा की दशा में उक्त धारा में निहित प्राविधानों का उपयोग करते हुए अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी।
ऐसा आदेश (मोनिका रानी) जिला मजिस्ट्रेट, बहराइच द्वारा ग्राम प्रधान पटना को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है और एक पखवाड़ा ( 15 दिन ) के भीतर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम सभा प्रधान पटना के द्वारा गजानन ट्रेडर्स के वाउचर पर ₹ 31500 का भुगतान 12-09-2023 को किया गया था , लेकिन जब यह भुगतान किया गया था तब उसका जीएसटी का पंजीकरण पहले ही 23-02-2023 को ही खत्म हो गया था इस कारण से जीएसटी की चोरी भी की गई जिससे सरकार को राजस्व की क्षति भी पहुंची। ग्राम सभा पटना प्रधान द्वारा जीएसटी पंजीकरण समाप्त होने के बावजूद गजानन ट्रेडर्स के कई वाउचर पर विभिन्न मदों में विभिन्न रकम का भुगतान किया गया जिसमें प्रथम दृष्टतया यह प्रतीत होता है कि बड़े पैमाने पर फर्जी वाड़ा का खेल खेला गया जिससे यह मामला भी अब काफी गंभीर हो गया है। में सचिव ग्राम प्रधान द्वारा बड़े का भ्रष्टाचार घोटाले कौन जम दिया गया जब इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई तो ग्राम सभा पटना के ही रहने वाले देवी प्रसाद त्रिपाठी, निवासी ग्राम पटना, पो० लक्खारामपुर, थाना विशेश्वरगंज, तहसील-पयागपुर, जनपद-बहराइच द्वारा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया तो अधोहस्ताक्षरी ने अपने कार्यालय आदेश सं० 3101/7-पं०/शि०लि०/शि०-जांच/2024-25 दिनांक 07.01.2025 द्वारा जिला द्विव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, बहराइच तथा सहायक अभियन्ता, उ०प्र०लघु उद्योग निगम लि०, बहराइच को जांच अधिकारी नामित किया गया था। उक्त आदेश के अनुपालन में जांच अधिकारियों द्वारा अपनी संयुक्त जांच आख्या कार्यालय पत्रांक 1336/शि०जांच/जिला मजि० समि०/2024-25 दिनांक 10 फरवरी, 2025 एवं पत्रांक 1340/ शि०जांच/जिला मजि० समि०/2024-25 दिनांक 20 फरवरी, 2025 द्वारा प्रस्तुत किया गया।
प्रस्तुत किए गए जांच आख्या के अनुसार 2021-22 से 2024-25 तक 15 हैण्डपम्प रिबोर के सापेक्ष 05 हैण्डपम्पों का रिबोर होना नही पाया गया तथा 135 ह्यूम पाइप क्रय के सापेक्ष 25 ह्यूम पाइप जांच में कम पाये गये। इस प्रकार ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा हैण्डपम्प रिबोर कार्य में रू0 1,00,150.00 एवं हयूम पाइप में रू0 87,638.00 अपव्यय तथा पूर्व में प्रेषित जांच आख्या सं० 59 दिनांक 16.04.2025 के क्रमांक-01 -प्रधानमंत्री रोड से अभय नारायन के घर तक नाली निर्माण कार्य पर रू0 5,771.81, क्रमांक-05 – रामराज पासी के घर से विद्याराम एवं बाबूराम के घर तक खड़न्जा मरम्मत का कार्य पर रू० 6,266.00 तथा क्रमांक-06 -ढोढे के घर से महराजदीन एवं जगदम्बा के घर तक खडन्जा मरम्मत का कार्य पर 16,301.00 का अनियमित भुगतान किया गया है। इस प्रकार कुल मु० 2,16,116.81 रू० का अपव्यय पाया गया। अतः ग्राम पंचायत-पटना, विकास खण्ड-विशेश्वरगंज में कराये गये उपरोक्त कार्यों में मु० 2.16,116.81 रू० का अपव्यय आपके कार्यकाल में हुआ है, जिसमें से नियमानुसार अपव्यय की गयी आधी धनराशि मु० ₹1,08,058.41 के लिए आप उत्तरदायी है। उक्त के सम्बन्ध में पंचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 95 (1) छः के बिन्दु (v) में उल्लेख किया गया है कि” प्रतिबन्ध यह है कि जहाँ कोई प्रधान या उप प्रधान ऐसे व्यक्ति द्वारा और ऐसी रीति से, जैसी विहित की जाये, की गयी किसी जांच में प्रथम दृष्टया वित्तीय और अन्य अनिमितताओं का दोषी पाया जाये वहाँ ऐसा प्रधान या उप प्रधान वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का सम्पादन नहीं करेगा और जब तक कि वह अन्तिम जांच में आरोपों से मुक्त न हो जाये , ऐसी शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का सम्पादन राज्य सरकार द्वारा इस निमित नियुक्त ग्राम पंचायत के तीन सदस्यों की एक समिति द्वारा किया जायेगा।”
धारा 95 (1) छह के प्रस्तर (i) में उल्लेख किया गया है कि “खण्ड (च) या खण्ड (छ) के अधीन कोई कार्यवाही सम्बद्ध निकाय अथवा व्यक्ति को, प्रस्तावित कार्यवाही के विरुद्ध कारण दर्शित करने का उचित अवसर देने के पश्चात् ही की जायेगी, अन्यथा नही.” उपरोक्त नियम का संज्ञान लेते हुए आपको उपरोक्त अपव्यय की गयी धनराशि के सापेक्ष कारण बताओ नोटिस प्रदान करते हुए निर्देशित किया जाता है कि एक पक्ष के भीतर अपना स्पष्टीकरण साक्ष्यों सहित अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करना सुनिश्चित करें। अन्यथा की दशा में उक्त धारा में निहित प्राविधानों का उपयोग करते हुए अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी। ऐसा आदेश (मोनिका रानी) जिला मजिस्ट्रेट, बहराइच द्वारा ग्राम प्रधान पटना को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है और एक पखवाड़ा ( 15 दिन ) के भीतर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम सभा प्रधान पटना के द्वारा गजानन ट्रेडर्स के वाउचर पर ₹ 31500 का भुगतान 12-09-2023 को किया गया था , लेकिन जब यह भुगतान किया गया था तब उसका जीएसटी का पंजीकरण पहले ही 23-02-2023 को ही खत्म हो गया था इस कारण से जीएसटी की चोरी भी की गई जिससे सरकार को राजस्व की क्षति भी पहुंची। ग्राम सभा पटना प्रधान द्वारा जीएसटी पंजीकरण समाप्त होने के बावजूद गजानन ट्रेडर्स के कई वाउचर पर विभिन्न मदों में विभिन्न रकम का भुगतान किया गया जिसमें प्रथम दृष्टतया यह प्रतीत होता है कि बड़े पैमाने पर फर्जी वाड़ा का खेल खेला गया जिससे यह मामला भी अब काफी गंभीर हो गया है।