अब रोजाना जांचे जाएंगे 400 से अधिक प्रोजेक्ट, सीडीओ करेंगे सत्यापन।
संतकबीरनगर। जिले में मनरेगा कार्यों में फर्जी फोटो के जरिए मजदूरों की हाजिरी लगाने की शिकायतों पर अब सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिले में इस तरह की गतिविधियों की निगरानी के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसके तहत अब जिले में 40 से अधिक मजदूरों वाली 400 से अधिक परियोजनाओं की प्रतिदिन निगरानी की जाएगी।
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी अब एनएमएमएस पोर्टल पर अपलोड की जा रही मजदूरों की फोटो की वास्तविकता की जांच करेंगे। निगरानी रिपोर्ट तैयार कर एक विशेष रजिस्टर में दर्ज की जाएगी, जिसका हर पखवाड़े मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) द्वारा अनुमोदन किया जाएगा।
गौरतलब है कि कई ग्राम पंचायतों पर आरोप लगे हैं कि वे एक ही फोटो को बार-बार मस्टररोल में अपलोड कर रही हैं, जिससे फर्जी हाजिरी दिखाई जा रही है। साथ ही ठंड के कपड़े पहने मजदूरों की तस्वीरें भी मई-जून जैसे गर्म महीनों में अपलोड की जा रही हैं, जो अनियमितता की ओर इशारा करती हैं।
इस संबंध में संयुक्त विकास आयुक्त, मनरेगा भूपेंद्र कुमार सिंह द्वारा सभी जिलों के सीडीओ और जिला एपीओ को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि एनएमएमएस पोर्टल पर दर्ज फोटो, नाम, समय और मस्टररोल की सटीकता की प्रतिदिन निगरानी की जाए।
यदि निगरानी रजिस्टर में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित ग्राम पंचायत के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार यह प्रक्रिया पारदर्शिता बढ़ाने और वास्तविक मजदूरों को लाभ दिलाने के लिए जरूरी कदम है।
अब मनरेगा में पारदर्शिता सुनिश्चित करना शासन की प्राथमिकता बन गई है। अनियमितता करने वालो पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।