मामला जनपद लखीमपुर खीरी की विकासखंड फूलबेहड़ की ग्राम पंचायत ओदरहना का है जहां पर कई वर्षों से बनी आंगनबाड़ी केंद्र एक जर्जर भवन में तब्दील होती जा रही है इसमें नव निहाल बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं जो की भवन पूर्णतया जर्जर हालत में है और उसमें दरारें भी आ चुकी हैं जर्जर भवन कभी भी गिर सकता है जिसमें नव निहाल की जान जोखिम में डालकर ग्राम प्रधान मजे से नजारा देख रहे हैं इसके साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्र के आस पास गंदगी का ढेर लगा हुआ है जो की ग्राम वासियों के साथ-साथ नन्हे मुन्ने बच्चों पर भी इसका असर पड़ता है कई बीमारियों को जन्म देता है जैसा कि आप देख सकते हैं छायाचित्र में किस प्रकार आंगनबाड़ी के चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है ग्राम वासियों से जानकारी लेने के बाद पता चला की ना कभी ग्राम प्रधान देखने आते हैं ना ही कोई सफाई कर्मी यहां आता है सिर्फ वह ग्राम प्रधान के घर के आस पास की सफाई कर जाता है और चला जाता है गंदगी व जर्जर भवन की जानकारी ग्राम प्रधान को कई बार ग्रामवासियों द्वारा दी गई लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया और जर्जर भवन को मरम्मत न कर सके जिसे देख ऐसा कहा जा सकता है कि ग्राम प्रधान को बच्चों की जान की कोई परवाह नहीं है और अपनी तिजोरी भरने से मतलब है