औरैया। जिला प्रशासन ने सर्दी को देखते हुए भले ही अलाव जलाए जाने के निर्देश जारी कर दिए हों मगर नगर पालिका प्रशासन द्वारा शहर में अभी तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की है। इसका एक सीधा उदाहरण शुक्रवार की रात को शहर के संजय गेट पर देखने को मिला जहां पर एक बुजुर्ग दंपति कूडे़ के ढेर से आग तापते हुए दिखाई दिया।
जिला प्रशासन ने जहां एक ओर जनपदवासियों को सर्दी के प्रकोप से बचने के लिए अलावा जलाने के लिए नगर पंचायतों एवं पालिका प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं। इसके बावजूद जिले की तो छोड़िए शहर में भी किसी भी स्थान पर अलाव जलते दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिससे आम जनमानस से लेकर बेजुवान भी सर्दी से बचने के लिए इधर उधर भटकते हुए नजर आ रहे हैं। शुक्रवार की देर रात्रि एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जिसमें एक बुजुर्ग दंपति फफंूद रोड से सुभाष चौराहे की ओर किसी काम से आ रहे थे कि तभी उन्हें अधिक सर्दी लगने लगी। इस पर उन्होंने आस पास देखा तो कहीं भी आग जलती नहीं दिखाई दी। जिस पर बुजुर्ग दंपति ने कूडे़ के ढेर में आग लगाकर अपने आप को सर्दी से बचाने की कोशिश की। अब सवाल यह उठता है कि जिलाधिकारी डा इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा लगातार शासन के निर्देशों को हवाला देते हुए नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश जारी कर रहे हैं मगर अभी तक नगर पालिका प्रशासन द्वारा उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि पालिका प्रशासन को दिसम्बर माह के शुरूआत में ही सर्दी को दृष्टिगत रखते हुए अलावा की व्यवस्था करनी चाहिए थी मगर उनके द्वारा अभी तक यह व्यवस्था नहीं की गई। बात की जाए तो जिलाधिकारी के निर्देश पर अधीनस्थ लगातार रात्रि में भ्रमण करते हुए रैन बसेरा एवं अलाव की जानकारी हासिल कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता नजर आ रहा है कि अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करते हुए नजर आ रहे हैं।
इस संबंध में जब नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी रामआसरे कमल से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि रविवार से अलाव को जलाए जाने का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। मगर शायद ईओ नगर पालिका को यह नहीं पता कि सर्दी अपने चरम पर पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि रविवार से करीब आठ स्थानों पर अलाव की व्यवस्था कराई जाएगी। यदि आज उनसे इसकी जानकारी नहीं ली जाती तो शायद अलाव की व्यवस्था ठंडे बस्ते में ही रहती।