देवरिया,, 18 नवंबर। जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने सोमवार को चकबंदी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने चकबंदी वादों से जुड़े विभिन्न अभिलेखों की गहन पड़ताल की और लंबित वादों पर निर्देश के बावजूद लंबी तारीख देने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि लंबित चकबंदी वादों में किसी भी दशा में एक माह से अधिक की तारीख न लगाई जाए तथा लोगों को त्वरित न्याय सुलभ कराया जाए।
डीएम आज प्रातः लगभग साढ़े ग्यारह बजे चकबंदी कार्यालय पहुंची। उन्होंने कार्यालय की व्यवस्था, कर्मचारियों की उपस्थिति, दस्तावेजों के रखरखाव, वादों के निस्तारण की प्रगति और साफ-सफाई का गहन अवलोकन किया। उन्होंने चकबंदी से जुड़ी प्रक्रियाओं को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने लंबित वादों के शीघ्र निस्तारण पर जोर देते हुए जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए ठोस कदम उठाने को कहा। कर्मचारियों को नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने और कार्य में लापरवाही न बरतने की सख्त चेतावनी देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी मामलों की सुनवाई में तिथियां तेजी से निर्धारित की जाएं, ताकि कार्य गति पकड़ सके।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अभिलेखों की गहन जांच-पड़ताल की और अभिलेखीय कार्यों को व्यवस्थित और सटीक तरीके से संपादित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यालय में पारदर्शिता और कुशलता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है। जिलाधिकारी ने चेताया कि एक माह बाद अभिलेखागार की जांच करेंगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी कार्य विधि-सम्मत और नियमानुसार किए जाएं, जिससे आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि जनता की शिकायतों के प्रति संवेदनशील रहते हुए कार्य प्रक्रियाओं को सरल और सुगम बनाया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोगों को न्याय और राहत मिल सके। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को समन्वय बनाकर कार्य करने की सलाह दी और कार्यालय की कार्यक्षमता बढ़ाने पर जोर दिया।
निरीक्षण के दौरान एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार, डीजीसी नवनीत मालवीय सहित संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।