आईजीआरएस (जन शिकायत निवारण प्रणाली) की समीक्षा बैठक में पाया गया कि जनपद के विभिन्न विभागों द्वारा असंतुष्ट फीडबैक वाले प्रकरणों में अत्यंत खराब प्रदर्शन किया गया है। समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि खंड विकास अधिकारी तरकुलवा, पथरदेवा, बरहज, बैतालपुर, भटनी तथा लार का संतोषजनक निस्तारण शून्य प्रतिशत रहा। चकबंदी अधिकारी सलेमपुर व प्रथम, जिला विद्यालय निरीक्षक एवं पंचायत विभाग के सहायक विकास अधिकारी — तरकुलवा, देवरिया सदर, पथरदेवा, बरहज, भटनी, रामपुर कारखाना तथा सलेमपुर — का प्रदर्शन भी शून्य प्रतिशत पाया गया।
इसके अतिरिक्त अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड तथा खान निरीक्षक का प्रदर्शन 14 प्रतिशत, चकबंदी अधिकारी देवरिया का 20 प्रतिशत, मुख्य चिकित्सा अधिकारी का 25 प्रतिशत, खंड विकास अधिकारी भटनी का 33 प्रतिशत, अधिशासी अभियंता विद्युत का 35 प्रतिशत, उपजिलाधिकारी बरहज का 37 प्रतिशत तथा जिला पंचायत राज अधिकारी का प्रदर्शन 50 प्रतिशत दर्ज किया गया।
उपरोक्त स्थिति पर जिलाधिकारी के निर्देशानुसार अपर जिलाधिकारी प्रशासन/ नोडल अधिकारी आईजीआरएस जैनेंद्र सिंह द्वारा पंचायत राज विभाग के सहायक विकास अधिकारियों के साथ बैठक कर गहरी नाराज़गी व्यक्त की गई। बैठक में यह स्पष्ट निर्देश दिए गए कि आईजीआरएस प्रकरणों का निस्तारण सम्यक परीक्षण के उपरांत ही किया जाए। बिना उचित जांच के गुणवत्ताविहीन आख्या अपलोड करना तथा लापरवाही पूर्ण एवं त्रुटिपूर्ण कार्यवाही करना गंभीर अनुशासनहीनता मानी जाएगी।
सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक प्रकरण में आवेदक से संपर्क किया जाए, निस्तारण आख्या में फोटो अनिवार्य रूप से संलग्न की जाए तथा आवेदक को संतुष्ट किया जाए। यह प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी