देवरिया
जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल के निर्देश पर आज कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यरत स्टाम्प वेंडरों की गहन जांच की गई। इस कार्रवाई का नेतृत्व उप जिलाधिकारी सदर विपिन कुमार द्विवेदी और अपर उप जिलाधिकारी प्रथम मंजूर अहमद ने किया। जांच का उद्देश्य स्टाम्प वेंडरों द्वारा तय मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करना और अनियमितताओं को रोकना था।
जांच के दौरान अधिकारियों ने प्रत्येक स्टाम्प वेंडर के स्टॉक रजिस्टर और उपलब्ध स्टाम्प का मिलान किया। दस्तावेजों के रखरखाव और संचालन प्रक्रिया की भी बारीकी से पड़ताल की गई। वेंडरों के लाइसेंस की वैधता की जांच करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि वे नियमानुसार काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने वेंडरों को सख्त निर्देश दिए कि वे अपने स्टाल के सामने स्टाम्प और टिकट की दरें स्पष्ट रूप से लिखें और उन्हें ग्राहकों के लिए पूरी तरह से दृश्य बनाएं। साथ ही, चेतावनी दी गई कि यदि भविष्य में किसी वेंडर को तय दर से अधिक दर पर स्टाम्प बेचते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जांच के दौरान जिन स्टाम्प वेण्डरों की जांच की गई उनमें विक्रांत कुमार, बबलू कुमार, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, विनय कुमार गुप्ता, राकेश गुप्ता, रामआशीष जायसवाल, पवन कुमार गुप्ता, रामनरायन गुप्ता, शैलेन्द्र सिंह, विशम्भर गुप्ता, रामप्रबल आदि शामिल हैं। जबकि विकास गुप्ता, राकेश गुप्ता और पवन कुमार गुप्ता अपनी जगह पर अनुपस्थित पाए गए, और उनकी दुकानें बंद मिलीं। जांच के बाद सभी वेंडरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे अपनी गतिविधियों में पूरी पारदर्शिता रखें और निर्धारित नियमों का पालन करें। जिलाधिकारी ने इस प्रकार की जांच को नियमित रूप से जारी रखने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान स्टाम्प लिपिक अजय कुमार मिश्र भी उपस्थित रहे।